निलंबित करप्ट IAS अभिषेक प्रकाश और निकांत जैन: बरेली से लखनऊ तक फैले भ्रष्टाचार के काले कारनामे


बरेली के पूर्व डीएम और निलंबित IAS अभिषेक प्रकाश पर भ्रष्टाचार, जमीन घोटाले और स्लाटर हाउस में साझेदारी के गंभीर आरोप। निकांत जैन पर फर्जी दस्तावेज, बैंक लोन और धमकी के केस। पढ़ें पूरी रिपोर्ट


बरेली से लखनऊ तक फैला IAS अभिषेक प्रकाश का करप्शन नेटवर्क

आईएएस बनने का सपना देश सेवा के लिए होता है, लेकिन जब कोई अफसर अपने पद का दुरुपयोग कर आम जनता को ठगने लगे, तो पूरा सिस्टम कटघरे में खड़ा हो जाता है। ऐसा ही मामला है निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश का, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार, जमीन हड़पने, मांस व्यापारियों से गठजोड़ और सरकारी खजाने को चूना लगाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।


स्लाटर हाउस में हिस्सेदारी, टाउनशिप में नियमों की अनदेखी

2012 से 2014 तक बरेली के जिलाधिकारी रहे अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने एक स्लाटर हाउस में हिस्सेदारी रखी, जहां पर गाय और भैंस जैसे जानवर काटे जाते थे। यह धार्मिक रूप से संवेदनशील मामला था, लेकिन पद के प्रभाव का गलत इस्तेमाल करते हुए उन्होंने इसे दबा दिया।

साथ ही, बरेली-लखनऊ हाईवे पर एक प्राइवेट टाउनशिप को बसाने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन में नियमों की अनदेखी की गई। स्टांप ड्यूटी में घोटाले से सरकार को लाखों का नुकसान हुआ। शिकायतें होने पर भी इन्हें अपने प्रभाव से दबा दिया गया।


बड़े व्यापारियों को टारगेट कर डराने की रणनीति

एक कपड़ा व्यापारी के साथ टकराव के बाद अभिषेक प्रकाश ने दर्जनों सरकारी विभागों से उसके प्रतिष्ठान पर छापेमारी करवाई। यही नहीं, एक अस्पताल को भी जबरन सील करवा दिया गया। जब मामला शासन तक पहुंचा, तब जाकर वह पीछे हटे।


बलिया सांसद की शिकायत से खुला घोटाले का सच

2021 में बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग में शिकायत की कि अभिषेक प्रकाश ने 400 बीघा जमीन बरेली-शाहजहांपुर हाईवे पर खरीदी, जिसमें स्टांप ड्यूटी चोरी की गई। विवादित टाउनशिप की नींव इसी जमीन पर रखी गई थी।


निकांत जैन: भ्रष्ट IAS अधिकारी का सबसे करीबी साथी

निकांत जैन, जो अभिषेक प्रकाश का सबसे करीबी माना जाता है, पर कई गंभीर आरोप लगे हैं:

  • सोलर पैनल कमीशन घोटाला
  • फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन कब्जाना
  • बैंक से 1.25 करोड़ रुपये का लोन ठगना
  • व्यापारियों से धमकी देकर पैसे वसूलना

हसन रजा अब्बासी नामक व्यवसायी की शिकायत पर लखनऊ की वजीरगंज कोतवाली में केस दर्ज हुआ, जिसमें कहा गया कि निकांत ने 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और जमीन कब्जाने के लिए फर्जीवाड़ा किया।


पुलिस कार्रवाई और मौजूदा स्थिति

  • निकांत जैन को सोलर पैनल घोटाले में जेल भेजा गया।
  • चार्जशीट लग चुकी है, लेकिन जमानत मिलने के कुछ दिन बाद ही एक और मामला सामने आ गया।
  • वहीं अभिषेक प्रकाश अभी भी फरार हैं और उत्तर प्रदेश पुलिस उनकी तलाश में है

निष्कर्ष

अभिषेक प्रकाश और निकांत जैन का मामला प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचने की जरूरत को दर्शाता है। यह जरूरी है कि इन मामलों की सख्त जांच और त्वरित कार्रवाई की जाए ताकि देश की जनता का विश्वास सिस्टम पर बना रहे।



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