बरेली में रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया राजस्व निरीक्षक, संपत्ति जांच की मांग तेज


बरेली सदर तहसील में तैनात राजस्व निरीक्षक नरेंद्र पाल गंगवार को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। अब जनता उसकी संपत्ति की जांच की मांग कर रही है।


बरेली (उत्तर प्रदेश)।
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां सदर तहसील के रिठौरा क्षेत्र में तैनात राजस्व निरीक्षक नरेंद्र पाल गंगवार को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

क्या है पूरा मामला?
रिठौरा निवासी किसान पूरनलाल शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपनी चार गाटा संख्या की कृषि भूमि की पैमाइश के लिए आवेदन किया था। इस पर राजस्व निरीक्षक ने उनसे 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। बातचीत के बाद मामला 25 हजार में तय हुआ, और पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपये देने की योजना बनी। जैसे ही पूरनलाल ने पैसे दिए, एंटी करप्शन इंस्पेक्टर इश्तियाक वारसी के नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को धर दबोचा।

थाने में दर्ज हुआ मामला, कोर्ट में होगी पेशी
आरोपी को तुरंत इज्जतनगर थाना ले जाया गया, जहां एफआईआर दर्ज की गई। सीओ यशपाल सिंह ने बताया कि आरोपी को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा सकता है।

नवाबगंज के मुड़िया तेली गांव का निवासी है आरोपी
नरेंद्र पाल गंगवार नवाबगंज थाना क्षेत्र के मुड़िया तेली गांव का निवासी है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के तहत कड़ी कार्रवाई की जा रही है।


अब उठी संपत्ति जांच की मांग
आम जनता और स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब एक राजस्व निरीक्षक इस तरह खुलेआम रिश्वत ले सकता है, तो उसके पास मौजूद संपत्ति की जांच भी जरूरी है। लोग जानना चाहते हैं कि

  • उसकी पैतृक संपत्ति कितनी थी?
  • उसने अब तक कितनी संपत्ति अर्जित की है?
  • क्या उसकी संपत्ति उसकी वैध आय के अनुरूप है?

भ्रष्टाचार की शिकायत कहां करें?
अगर आप भी किसी सरकारी अधिकारी की भ्रष्टाचार की शिकायत करना चाहते हैं, तो एंटी करप्शन मोबाइल नंबर 9454405475 पर संपर्क कर सकते हैं या बरेली कार्यालय में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।


निष्कर्ष:
बरेली में राजस्व विभाग के अधिकारी की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार अभी भी गहराई तक फैला हुआ है। इस मामले को एक उदाहरण बनाते हुए आरोपी की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों पर लगाम लगाई जा सके।


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