हार्ट अटैक के बाद सिर्फ एक इंजेक्शन से मिलेगा राहत, जानिए नई इंजेक्शन थेरेपी कैसे बचाएगी दिल


नई इंजेक्शन थेरेपी से हार्ट अटैक के बाद दिल को डैमेज होने से रोका जा सकता है। जानिए यह थेरेपी कैसे काम करती है, इसके फायदे और भविष्य की संभावनाएं।


हार्ट अटैक के बाद दिल को बचाने के लिए आई नई इंजेक्शन थेरेपी

हर साल लाखों लोग हार्ट अटैक का शिकार होते हैं और उनमें से कई धीरे-धीरे हार्ट फेलियर की तरफ बढ़ जाते हैं। अब एक नई खोज ने दिल के मरीजों के लिए राहत की उम्मीद जगाई है। अमेरिका की Northwestern University और University of California San Diego के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक नई इंजेक्शन थेरेपी विकसित की है, जो हार्ट अटैक के बाद दिल को डैमेज होने से बचा सकती है।


यह नई थेरेपी कैसे काम करती है?

इस थेरेपी में PLP (Protein Like Polymer) नामक एक विशेष केमिकल कंपाउंड होता है। यह PLP शरीर में जाकर एक हानिकारक प्रोटीन Keap1 को पकड़ लेता है, जो दिल के रक्षक प्रोटीन Nrf2 को ब्लॉक कर देता है।

जब Keap1 को निष्क्रिय कर दिया जाता है, तो Nrf2 सक्रिय हो जाता है और दिल की कोशिकाएं खुद को ठीक करने लगती हैं। इससे सूजन कम होती है, डैमेज सेल्स की संख्या घटती है और नई रक्त वाहिकाएं बनने लगती हैं।


एक इंजेक्शन, हफ्तों तक असर

इस नई थेरेपी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सिर्फ एक इंजेक्शन देने पर भी इसका असर पांच हफ्तों तक बना रहता है। यह दिल की हीलिंग प्रोसेस को तेजी से बढ़ाता है और हार्ट फेलियर की संभावना को घटाता है।


वैज्ञानिकों ने कैसे किया परीक्षण?

  • सबसे पहले इस थेरेपी को लैब में सेल कल्चर पर टेस्ट किया गया।
  • फिर इसे चूहों पर आजमाया गया।
  • नतीजे चौंकाने वाले थे – सूजन में कमी, हार्ट सेल्स की बचत और पंपिंग क्षमता में सुधार देखा गया।

सिर्फ दिल नहीं, कैंसर और न्यूरो डिजीज के इलाज में भी उम्मीद

इस PLP टेक्नोलॉजी को Grove Biopharma नाम की बायोटेक कंपनी बाजार में लाने की तैयारी कर रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह थेरेपी भविष्य में कैंसर, अल्ज़ाइमर, और पार्किंसन जैसी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज में भी कारगर हो सकती है।


निष्कर्ष: दिल के मरीजों के लिए नई उम्मीद

अगर आप या आपके करीबी हार्ट अटैक से जूझ रहे हैं, तो यह नई इंजेक्शन थेरेपी भविष्य में उनके लिए लाइफ-सेविंग साबित हो सकती है। हालांकि इंसानों पर ट्रायल अभी बाकी है, लेकिन शुरुआती नतीजे बेहद सकारात्मक हैं।


FAQs

Q1. क्या यह इंजेक्शन थेरेपी भारत में उपलब्ध है?
फिलहाल नहीं, लेकिन भविष्य में क्लिनिकल ट्रायल के बाद उपलब्ध होने की संभावना है।

Q2. क्या इसका कोई साइड इफेक्ट है?
अभी तक चूहों पर कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है, लेकिन इंसानों पर ट्रायल के बाद ही पक्के नतीजे सामने आएंगे।

Q3. क्या यह थेरेपी केवल हार्ट अटैक के बाद ही दी जाती है?
हां, फिलहाल इसका उद्देश्य हार्ट अटैक के बाद दिल की मरम्मत करना है।



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