
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव घटने के बीच बलूचिस्तान में विद्रोही हमलों में तेज़ी, बलूच लिबरेशन आर्मी ने सेना की गाड़ियों को उड़ाया, कई जिलों पर कब्जे का दावा।
जहां भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर और कूटनीतिक तनाव में कमी देखी जा रही है, वहीं पाकिस्तान के भीतर स्थित बलूचिस्तान प्रांत में हालात दिन-ब-दिन बेकाबू होते जा रहे हैं। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पिछले दो दिनों में पाकिस्तान सेना पर कम से कम चार बड़े हमले किए हैं, जिनमें 12 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।
क्वेटा, मस्तंग और कच्छ जैसे जिलों में BLA ने फायरिंग और बम हमलों को अंजाम दिया है। एक हमले में पाकिस्तानी सेना की गाड़ी को रिमोट बम से उड़ा दिया गया, जिसकी वीडियो फुटेज सोशल मीडिया चैनलों पर वायरल हो रही है।
बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग तेज
बलूच विद्रोही संगठनों के तीन समूहों ने दावा किया है कि उन्होंने बलूचिस्तान के तीन अलग-अलग हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। इन क्षेत्रों में बलूचिस्तान के झंडे फहराए जा चुके हैं और पाकिस्तानी झंडों को उतारा गया है।
बलूच नेता मीर यार बलोच ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा,
“दुनिया को अब पाकिस्तान से अपने दूतावास बंद कर लेने चाहिए और बलूचिस्तान में नए दूतावास खोलने की तैयारी करनी चाहिए।”
पाकिस्तान के पूर्व पीएम का बड़ा बयान
पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने माना है कि बलूचिस्तान पर सरकार और सेना का नियंत्रण लगातार कमजोर हो रहा है। उन्होंने सेना प्रमुख आसिम मुनीर की उस टिप्पणी को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि “बलूच विद्रोही केवल सपना देख रहे हैं।”
अब्बासी ने कहा,
“सेना और सरकार के बड़े अफसर बलूचिस्तान में बिना सुरक्षा के कुछ किलोमीटर भी नहीं जा सकते।”
भारत-पाक संबंधों के बीच बलूचिस्तान बना अहम मुद्दा
भारत और पाकिस्तान के बीच जब सैन्य तनाव कम हो रहा है, बलूचिस्तान में उबाल पाकिस्तान के लिए नई चुनौती बनकर सामने आया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि भारत द्वारा किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” जैसे रणनीतिक कदमों ने बलूच संगठनों को नई ऊर्जा दी है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
निष्कर्ष:
भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीज़फायर भले ही राहत का संकेत हो, लेकिन पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान एक अंदरूनी विस्फोट बनकर उभर रहा है। यदि यह आंदोलन और फैला, तो न केवल पाकिस्तान की संप्रभुता, बल्कि दक्षिण एशिया की शांति भी संकट में आ सकती है।