लखीमपुर खीरी: जल जीवन मिशन के तहत बनी 3.5 करोड़ रुपये की पानी की टंकी फटी, भ्रष्टाचार के आरोप

लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश – लखीमपुर खीरी के शेखपुर गांव में जल जीवन मिशन के तहत बनाई गई 3.5 करोड़ रुपये की पानी की टंकी फटने से भारी नुकसान हुआ है। यह घटना शनिवार दोपहर को उस समय हुई जब टंकी का ओवरहेड हिस्सा तेज धमाके के साथ फट गया। इसके कारण पानी की तेज धार ने खेतों को जलमग्न कर दिया और गेहूं की फसल को बर्बाद कर दिया।

ग्रामीणों ने निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि टंकी के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। स्थानीय निवासियों का कहना है कि टंकी निर्माण कार्य के दौरान मानकों की अनदेखी की गई, जिससे यह हादसा हुआ। इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं और जल निगम के अधिकारियों ने कहा कि टंकी अभी हैंडओवर नहीं की गई थी, और इसे फिर से ठीक कराने के लिए कार्यदायी संस्था को काम करना होगा।

घटना का विवरण: शेखपुर गांव में बनी इस पानी की टंकी को पांच गांवों को जलापूर्ति करने के लिए डिजाइन किया गया था। 3.5 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह टंकी अभी ट्रायल के दौरान ही फट गई। टंकी से पानी का बहाव पास के गेहूं के खेतों में फैल गया, जिससे फसलें बर्बाद हो गईं। इसके साथ ही टंकी के मलवे ने सोलर पैनल को भी ध्वस्त कर दिया। ग्रामीणों ने दावा किया कि टंकी का निर्माण बहुत जल्दबाजी में किया गया था और काम अधूरा था।

भ्रष्टाचार के आरोप: ग्रामीणों का आरोप है कि टंकी का निर्माण घटिया सामग्री से किया गया और इसका निर्माण कार्य मानक के अनुरूप नहीं था। ठेकेदार ने जल्दबाजी में टंकी का काम पूरा किया और जलापूर्ति शुरू कर दी, जबकि टंकी का परीक्षण सही तरीके से नहीं किया गया था। इसके अलावा, कार्यदायी संस्था पर दबाव था कि वे टंकी का हैंडओवर जल्द से जल्द कर दें, जिससे निर्माण में जल्दबाजी हुई।

प्रशासनिक प्रतिक्रिया: जल निगम के अधिशाषी अभियंता, वाईके नीरज ने इस हादसे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि टंकी का हैंडओवर नहीं किया गया था और इसे फिर से ठीक करने के लिए कार्यदायी संस्था को काम करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

भविष्य के लिए दिशा: यह घटना सरकारी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण है, जो जनता की सुरक्षा और सरकारी धन के दुरुपयोग को दर्शाती है। इस मामले में निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके और जनता को सुरक्षित जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

Conclusion: लखीमपुर खीरी में जल जीवन मिशन के तहत बनी 3.5 करोड़ रुपये की पानी की टंकी का फटना एक गंभीर मुद्दा है, जो सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता की जरूरत को सामने लाता है। प्रशासन को इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।


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