
उन्नाव, उत्तर प्रदेश:
देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) परीक्षा में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की दो सगी बहनों ने एक साथ सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया है। सौम्या मिश्रा और सुमेघा मिश्रा, दोनों बहनों ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा उत्तीर्ण कर देशभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
कौन हैं सौम्या मिश्रा और सुमेघा मिश्रा?
असोहा क्षेत्र के अजयपुर गांव की रहने वाली सौम्या और सुमेघा का बचपन से ही पढ़ाई में गहरा रुझान रहा है। बड़ी बहन सौम्या मिश्रा 2021 में UPPSC परीक्षा पास कर SDM (उपजिलाधिकारी) बनी थीं और वर्तमान में मिर्जापुर जिले के मड़िहान तहसील में तैनात हैं। उन्होंने नौकरी के साथ-साथ UPSC की भी तैयारी की और इस साल ऑल इंडिया 18वीं रैंक प्राप्त की है।
वहीं छोटी बहन सुमेघा मिश्रा ने भी शुरुआती शिक्षा से ही बेहतरीन प्रदर्शन किया। हाईस्कूल में 94% और इंटरमीडिएट में 92% अंक हासिल करने के बाद उन्होंने दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और ऑल इंडिया 253वीं रैंक के साथ UPSC में सफलता पाई।
सफलता का मूल मंत्र – परिवार का समर्थन और आत्मविश्वास
इनकी सफलता के पीछे सबसे बड़ी ताकत रहा उनका परिवार। पिता राघवेंद्र मिश्रा दिल्ली के एक डिग्री कॉलेज में शिक्षक हैं, जबकि माता रेनू मिश्रा गृहिणी हैं। करीब 15 साल पहले यह परिवार उन्नाव से दिल्ली शिफ्ट हुआ था ताकि बेटियों को बेहतर शिक्षा और माहौल मिल सके।
पिता राघवेंद्र मिश्रा का कहना है, “मेरी दोनों बेटियों का सपना शुरू से ही IAS बनने का था। उन्होंने खुद पर विश्वास रखा और कठिन मेहनत से उसे पूरा किया।”
दीदी बनीं प्रेरणा, सीनियर अफसरों का मिला सहयोग
सौम्या मिश्रा बताती हैं कि मिर्जापुर में तैनाती के दौरान उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों से पढ़ाई और परीक्षा को लेकर काफी मार्गदर्शन और सहयोग मिला, जो इस सफलता में अहम साबित हुआ। वहीं सुमेघा ने कहा कि दीदी को देखकर उन्हें भी तैयारी की प्रेरणा मिली और पहले ही प्रयास में परीक्षा पास करने की ठान ली।
गांव में जश्न का माहौल
जैसे ही UPSC परीक्षा परिणाम घोषित हुआ और सौम्या व सुमेघा के चयन की खबर गांव पहुंची, अजयपुर गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। गांववालों ने ढोल-नगाड़ों के साथ मिठाइयां बांटी और बेटियों की उपलब्धि पर गर्व जताया। यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे गांव की जीत है।
निष्कर्ष:
सौम्या और सुमेघा मिश्रा की सफलता देश के लाखों युवा अभ्यर्थियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। यह दिखाता है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो, और परिवार का सहयोग व सही मार्गदर्शन मिले, तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। UPSC जैसी कठिन परीक्षा को पहले प्रयास में पास करना एक अद्वितीय उपलब्धि है, जो आने वाले समय में कई युवाओं को प्रेरित करेगी।