युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने पर मुख्यमंत्री का जोर

राजकुमार केसरवानी
देहरादून

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सचिवालय में कौशल विकास और श्रम विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जोड़ने के लिए सभी संबंधित विभागों के सचिव समन्वय बनाकर कार्य करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि वे सभी सचिवों के साथ बैठक कर एक ठोस रणनीति तैयार करें।

सचिवालय में कौशल विकास एवं श्रम विभाग की बैठक आयोजित

मुख्यमंत्री ने कौशल विकास को इन्क्यूबेशन और ग्रोथ सेंटरों से जोड़ने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में स्थानीय युवाओं को प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर और मिस्त्री जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था की जाए। उद्योगों की मांग और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं। साथ ही, प्रशिक्षण केंद्रों में अत्याधुनिक मशीनें, प्रयोगशालाएं और स्मार्ट क्लासरूम की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने जनपदों की पारंपरिक पहचान को ध्यान में रखते हुए स्थानीय लोगों को कौशल विकास से जोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण बढ़ाने और सभी कुशल श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने पर जोर दिया। उन्होंने बाल श्रम उन्मूलन के लिए लक्षित पुनर्वास योजना तैयार करने और बड़े जनपदों में विशेष अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।

महिलाओं की स्वरोजगार में भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष कौशल विकास केंद्र स्थापित करने तथा दूरदराज के क्षेत्रों में “स्किल ऑन व्हील्स” वैन शुरू करने का आदेश दिया गया। इसके अलावा, हेल्थकेयर और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में युवाओं को विदेश में रोजगार दिलाने के लिए भारतीय दूतावासों से संपर्क करने और विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण देने हेतु दून विश्वविद्यालय के साथ समन्वय स्थापित करने पर बल दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास विभाग 10 दिनों के भीतर एक स्पष्ट कार्ययोजना प्रस्तुत करे, जिसमें प्रतिवर्ष कितने युवाओं को प्रशिक्षित और रोजगार से जोड़ा गया, इसका विवरण शामिल हो।

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि प्रदेश के 27 आईटीआई में प्रशिक्षण ले रहे अभ्यर्थियों को दो वर्षीय पाठ्यक्रम के तहत एक वर्ष का प्रशिक्षण आईटीआई में और एक वर्ष का प्रशिक्षण उद्योगों में दिए जाने की भारत सरकार से सहमति मिल गई है। पाँच अन्य आईटीआई के लिए भी जल्द ही स्वीकृति प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है।

इस अवसर पर उपाध्यक्ष, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद, विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव श्रीधर बाबू अदांकी, सी. रविशंकर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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