मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने जारी किया आतंकवाद के खिलाफ फतवा, लश्कर और जैश को बताया गैर-इस्लामी

बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा फतवा जारी करते हुए लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों को इस्लाम विरोधी और गैर-इस्लामी करार दिया।


इस्लाम शांति का धर्म, आतंकवाद से कोई संबंध नहीं – मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक बड़ी खबर सामने आई है जहाँ ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया है। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल-कायदा, और आईएसआईएस जैसे संगठन इस्लाम की शिक्षाओं के खिलाफ काम कर रहे हैं और इन्हें गैर-इस्लामी करार दिया।


कुरान और हदीस के हवाले से की बात

पत्रकारों से बातचीत में मौलाना रजवी ने कहा:

  • “कुरान कहता है कि एक निर्दोष की हत्या पूरी मानवता की हत्या के समान है।”
  • “पैगंबर ने कहा कि अच्छा मुसलमान वह है जिससे किसी को भी कोई नुकसान न हो – न हाथ से, न जुबान से।
  • देशभक्ति आधा ईमान है, और मुसलमानों का कर्तव्य है कि वे अपने देश के साथ हर परिस्थिति में खड़े रहें।”

जिहाद के गलत अर्थ पर चेतावनी

फतवे में यह भी कहा गया है कि आजकल कुछ लोग जिहाद का गलत मतलब निकालकर उसे हिंसा और आतंकवाद से जोड़ रहे हैं, जो कि इस्लाम, कुरान और हदीस के सिद्धांतों के बिल्कुल खिलाफ है।


पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा

मौलाना रजवी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा:

“यह हमला इस्लाम और इंसानियत के खिलाफ साजिश है। भारत की सेना द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई सराहनीय है। मुस्लिम समुदाय आतंकवाद के खिलाफ सेना और सरकार के साथ खड़ा है।”


पाकिस्तान पर आरोप और भारत सरकार से मांग

मौलाना ने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाया और भारत सरकार से मांग की कि:

“पाकिस्तान का असली चेहरा संयुक्त राष्ट्र (UNO) में उजागर किया जाए ताकि वैश्विक स्तर पर उसे जवाबदेह ठहराया जा सके।”


फतवा भारत की एकजुटता का प्रतीक

यह फतवा देश की एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। मौलाना रजवी ने देशवासियों से अपील की कि:

  • सभी धर्मों के लोगों से अच्छे संबंध बनाए रखें।
  • खुशी हो या ग़म – देश के साथ खड़े रहें।
  • आतंकवादियों को धर्म से जोड़ने से बचें।

Conclusion

इस फतवे से साफ़ है कि भारतीय मुस्लिम समाज आतंकवाद का विरोध करता है और इस्लाम के नाम पर हिंसा फैलाने वालों को नकारता है। यह संदेश केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में शांति और भाईचारे का संदेश देने वाला है।

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