
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान दिया, जिस पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया। मंत्री अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में हैं। पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।
परिचय: एक बयान जिसने मचा दी राजनीतिक हलचल
मध्य प्रदेश की राजनीति में उस वक्त भूचाल आ गया जब राज्य के मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया। इस बयान पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त टिप्पणी की और पुलिस को 4 घंटे के भीतर FIR दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने मंत्री की भाषा को “गटर स्तर” की करार दिया।
क्या था विवादित बयान?
‘ऑपरेशन सिंदूर‘ के दौरान मीडिया को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर मंत्री विजय शाह ने एक सभा में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों में आक्रोश फैल गया।
हाई कोर्ट की सख्ती और पुलिस की कार्रवाई
जबलपुर खंडपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वतः संज्ञान लिया और डीजीपी को निर्देश दिया कि वे तुरंत कार्रवाई करें। इसके बाद इंदौर के महू तहसील के मानपुर थाने में विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
FIR में भारतीय न्यायतंत्र की नई संहिता BNS (भारतीय न्याय संहिता) की ये धाराएं लगाई गईं:
- धारा 152: देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालना
- धारा 196(1)(B): विभिन्न समुदायों में वैमनस्य को बढ़ावा देना
- धारा 197(1)(C): धार्मिक, भाषाई या अन्य आधार पर समुदाय विशेष के प्रति द्वेष फैलाना
विजय शाह पहुँचे सुप्रीम कोर्ट – क्या कहा याचिका में?
FIR दर्ज होने के बाद विजय शाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि:
- उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है,
- वह अपने बयान के लिए माफी भी मांग चुके हैं,
- इतनी कठोर कार्रवाई की आवश्यकता नहीं थी।
वकीलों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की गई है।
निष्कर्ष: क्या यह मामला एक उदाहरण बनेगा?
यह मामला बताता है कि लोकतंत्र में भाषण की मर्यादा और सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्तियों की जवाबदेही कितनी जरूरी है। क्या सुप्रीम कोर्ट से विजय शाह को राहत मिलेगी या कार्रवाई और आगे बढ़ेगी – यह देखना बाकी है।