
उत्तर प्रदेश में मकान बनाना अब पहले से कहीं ज्यादा सरल और भ्रष्टाचार मुक्त हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने “उत्तर प्रदेश भवन उपविधि-2025” को लागू कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इसका उद्देश्य आम जनता को बेवजह की प्रक्रिया और सरकारी दफ्तरों की देरी से निजात दिलाना है।
1. नक्शा पास कराने की बाध्यता खत्म
अब 1000 वर्गफीट तक के मकान निर्माण के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं है। यह फैसला उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जो छोटे प्लॉट पर मकान बनवाना चाहते हैं। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।
2. आर्किटेक्ट का प्रमाण पत्र ही काफी
5000 वर्गफीट तक की इमारतों के लिए अब प्राधिकरण की स्वीकृति की जगह आर्किटेक्ट का प्रमाण पत्र मान्य होगा। इससे निजी निर्माण योजनाओं की स्वीकृति प्रक्रिया तेज होगी।
3. घर से प्रोफेशनल कामकाज की मान्यता
अब डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट, या कोई भी प्रोफेशनल अपने रिहायशी मकान से ही ऑफिस चला सकते हैं। इसके लिए नक्शे में किसी अलग ज़ोनिंग की जरूरत नहीं है। यह कदम वर्क फ्रॉम होम और स्मॉल स्केल बिज़नेस को बढ़ावा देगा।
4. छोटे प्लॉट पर भी अपार्टमेंट बनाने की मंजूरी
जहां पहले अपार्टमेंट के लिए 2000 वर्गमीटर ज़मीन जरूरी थी, अब 1000 वर्गमीटर पर भी निर्माण संभव है। यह शहरीकरण और हाउसिंग सेक्टर को नई दिशा देगा।
5. दुकान और ऑफिस खोलने की छूट
यदि मकान 24 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित है, तो उसमें दुकान या दफ्तर चलाना पूरी तरह वैध होगा। इससे स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
6. भवन ऊंचाई की सीमा समाप्त
अब 45 मीटर चौड़ी सड़क पर भवन की ऊंचाई की कोई सीमा नहीं है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में ऊँचाई की दौड़ शुरू हो सकती है और अधिक स्पेस का बेहतर उपयोग संभव होगा।
7. एनओसी में देरी नहीं सहन
अब विभागों को 7 से 15 दिनों के भीतर NOC जारी करनी होगी। समय सीमा में NOC न देने पर उसे स्वीकृति मान लिया जाएगा। यह बड़ा सिस्टमिक सुधार है।
नई टाउनशिप नीति: सुविधाओं के बदले टैक्स
उत्तर प्रदेश सरकार की नई टाउनशिप नीति के तहत अब डेवलपर के हैंडओवर से पहले ही स्थानीय निकाय प्रॉपर्टी टैक्स, जल कर, और सीवरेज टैक्स वसूल सकेंगे। बदले में नागरिकों को मिलेगा:
- बेहतर सड़क और सफाई व्यवस्था
- नियमित सीवर और स्ट्रीट लाइट की सुविधा
- सुविधाएं न देने पर प्राधिकरण खुद जिम्मेदारी उठाएगा
समाप्ति विचार:
उत्तर प्रदेश भवन उपविधि-2025 एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो नागरिकों को भवन निर्माण की जटिलताओं से मुक्ति दिलाएगा। यह पहल केवल नियमों की ढील नहीं है, बल्कि एक नया शहरी विकास दृष्टिकोण है जिसमें आम आदमी की भागीदारी को मान्यता दी गई है।
,