बरेली: साइबर ठगों ने रिटायर्ड वैज्ञानिक से ठगे 1.29 करोड़, 4 गिरफ्तार

बरेली के एक रिटायर्ड वैज्ञानिक से साइबर ठगों ने 1.29 करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया।


सीबीआई अधिकारी बनकर किया फर्जी ‘डिजिटल अरेस्ट’, वैज्ञानिक से ठगे 1.29 करोड़

बरेली, 21 जून 2024: बरेली पुलिस और लखनऊ एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़े साइबर ठगी केस का खुलासा हुआ है। इस मामले में आईवीआरआई (Indian Veterinary Research Institute) के रिटायर्ड वैज्ञानिक शुकदेव नंदी से 1.29 करोड़ रुपये ठगे गए। पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

क्या है पूरा मामला?

  • 17 से 20 जून के बीच, आरोपियों ने व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर खुद को सीबीआई और बेंगलुरु पुलिस का अधिकारी बताया।
  • पीड़ित को “डिजिटल अरेस्ट” का डर दिखाते हुए कहा कि उनके आधार कार्ड से फर्जी सिम बनवाकर मानव तस्करी और जॉब फ्रॉड किया जा रहा है।
  • धमकी देकर 1.29 करोड़ रुपये तीन अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए गए।
  • ठगों ने इस रकम को 125 फर्जी खातों में घुमाकर क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया।

कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?

पुलिस ने लखनऊ और गोंडा के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है:

  1. सुधीर कुमार चौरसिया (लखनऊ)
  2. रजनीश द्विवेदी (गोंडा)
  3. श्याम कुमार वर्मा (लखनऊ)
  4. महेन्द्र प्रताप सिंह (लखनऊ)

इनके पास से 6 मोबाइल फोन, 4 चेकबुक और 6 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं।

पुलिस ने क्या कहा?

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि ठगी की तकनीकी और साइबर जांच की जा रही है। यह गिरोह दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल और तेलंगाना में सक्रिय था।

साइबर ठगी से बचने के टिप्स

  • किसी भी अनजान कॉल/मैसेज पर भरोसा न करें।
  • सरकारी अधिकारी कभी फोन पर पैसे नहीं मांगते।
  • क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन से पहले सावधान रहें।
  • शक होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।

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