बरेली में ADG की हाईलेवल मीटिंग: डाटा आधारित पुलिसिंग और तकनीकी नवाचारों पर हुई चर्चा


बरेली | 23 मई 2025
उत्तर प्रदेश पुलिस लगातार तकनीकी नवाचारों की दिशा में अग्रसर है। इसी क्रम में गुरुवार को बरेली जोन में अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) नवीन अरोरा और बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा ने Hybrid Mode में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक का मुख्य फोकस पुलिसिंग में डाटा की उपयोगिता और तकनीकी पोर्टलों की समीक्षा पर रहा।

डाटा आधारित पुलिसिंग पर जोर

बैठक में एडीजी रमित शर्मा ने पुलिस विभाग द्वारा फीड किए गए डाटा की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डाटा एनालिटिक्स और AI आधारित मॉनिटरिंग से अपराधों की रोकथाम, विवेचना और अभियोजन में अत्यधिक प्रभावी सुधार देखा गया है।

नए आपराधिक कानूनों की दी गई जानकारी

बैठक के दौरान तीन नए आपराधिक कानूनBNS (भारतीय न्याय संहिता), BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) और BSA (भारतीय साक्ष्य अधिनियम)—पर भी विस्तृत जानकारी दी गई। इसके अलावा NAFIS (नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) और CRPI Act के महत्व पर भी चर्चा की गई।

विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निरीक्षण

बैठक के उपरांत एडीजी नवीन अरोरा और रमित शर्मा ने बरेली स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपनिदेशक जय प्रकाश गुप्ता सहित वैज्ञानिक अधिकारी और निर्माण विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

UP पुलिस को मिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

उत्तर प्रदेश पुलिस को तकनीकी सेवाओं के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए FICCI Smart Policing Award 2025 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार विशेष रूप से Trinetra 2.0, Crime Analytics & Predictive Policing Portal के लिए दिया गया। साथ ही SKOCH Award 2025 में ‘पुलिस और सुरक्षा’ श्रेणी में भी यूपी पुलिस को सम्मानित किया गया।

In-House पोर्टलों की समीक्षा

बैठक में पुलिस विभाग द्वारा विकसित निम्नलिखित पोर्टलों की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई:

  • Crime Analytics Portal
  • CCTNS & Field Unit Portal
  • Operation Trinetra
  • Online Training Portal
  • Public Grievance Review Portal
  • Prosecution & Conviction Monitoring Portal

इन पोर्टलों से पुलिसिंग कार्यों में पारदर्शिता और गति आई है, जिससे अपराध नियंत्रण में सफलता प्राप्त हो रही है।


निष्कर्ष

बरेली जोन में हुई इस समीक्षा बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस तकनीकी रूप से सशक्त और भविष्य के लिए तैयार है। डाटा आधारित निर्णय प्रक्रिया और अत्याधुनिक पोर्टलों का उपयोग अब पुलिसिंग का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।



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