
बरेली के ग्रामीण क्षेत्र में तेंदुए का कहर
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां एक किसान पर खेत में काम करते समय तेंदुए ने हमला कर दिया। यह घटना क्योलड़िया क्षेत्र के गांव बिहारीपुर अब्दुल रहमान की है, जहां अरविंद कुमार नामक किसान शुक्रवार दोपहर लगभग 2 बजे गन्ने की सिंचाई कर रहे थे। इसी दौरान अचानक तेंदुए ने उन पर झपट्टा मारा।
तेंदुए ने किया चेहरे पर हमला, ग्रामीणों ने बचाई जान
अरविंद खेत में पेड़ों की छांव में पहुंचे ही थे कि वहां आराम कर रहे तेंदुए ने अचानक उन पर हमला कर दिया। तेंदुए ने सीधे उनके चेहरे पर वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी चीख-पुकार सुनकर पास के खेतों में काम कर रहे ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर तेंदुए को भगाया।
इलाज के दौरान मौत, गांव में पसरा मातम
ग्रामीणों ने तुरंत अरविंद के परिजनों को सूचना दी, जिन्होंने उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भर्ती कर लिया, लेकिन उनकी हालत गंभीर बनी रही। इलाज के दौरान देर शाम अरविंद ने दम तोड़ दिया। उनकी मौत की खबर सुनते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
वन विभाग और पुलिस ने की कांबिंग, तेंदुआ फरार
घटना की सूचना मिलने पर डिप्टी रेंजर आयरन सिंह, वनरक्षक लवकुश, मान सिंह, लीलाधर सहित पुलिस टीम मौके पर पहुंची। थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में तेंदुए की तलाश में जंगल की ओर कांबिंग की गई। हालांकि, तेंदुआ पकड़ में नहीं आया, लेकिन खेत में उसके पंजों के निशान अवश्य मिले हैं।
पहले भी दिख चुका है तेंदुआ, बढ़ा ग्रामीणों का डर
ग्रामीणों ने बताया कि इसी सप्ताह बुधवार रात को गांव के पास मेथी नवदिया रोड पर भी तेंदुआ दिखाई दिया था। लगातार तेंदुए की मौजूदगी ने ग्रामीणों को भयभीत कर दिया है। अब किसान खेतों में जाने से डरने लगे हैं।
प्रशासन और वन विभाग की अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले खेतों में न जाएं, खासकर सुबह और शाम के समय। विभाग ने सतर्कता बरतने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने को कहा है। तेंदुए की तलाश अब भी जारी है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीर समस्या
यह घटना न केवल एक दुखद हादसा है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जंगलों के सिमटते क्षेत्र और बढ़ती जनसंख्या के कारण अब वन्यजीव आबादी वाले इलाकों की ओर बढ़ने लगे हैं। ऐसे हालात में सतर्कता और सुरक्षा के ठोस उपाय करना आवश्यक है।
निष्कर्ष
बरेली की यह घटना एक चेतावनी है कि हमें वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच संतुलन बनाना होगा। प्रशासन और वन विभाग को मिलकर ऐसे क्षेत्रों में निगरानी, जनजागरूकता और त्वरित प्रतिक्रिया की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं रोकी जा सकें।