बरेली में आंधी-बारिश से बिगड़ी बिजली व्यवस्था, 20 घंटे से ज्यादा गुल रही बिजली, उपभोक्ता भड़के

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बरेली में बारिश के बाद बिजली संकट: उपभोक्ताओं का फूटा गुस्सा

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बुधवार रात आई तेज आंधी और बारिश ने शहर की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से ठप कर दिया। कई इलाकों में 20 घंटे से ज्यादा समय तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी, जिससे लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिला।


कई उपकेंद्र रहे बंद, उपभोक्ता परेशान

बुधवार रात से लेकर बृहस्पतिवार शाम तक सीबीगंज, हरुनगला, दुर्गानगर, सिविल लाइंस, मिशन कंपाउंड, किला, कुतुबखाना समेत शहर के कई उपकेंद्र पूरी तरह ठप रहे।

33 और 11 केवी की लाइनें ब्रेकडाउन होने से कुल छह से ज्यादा उपकेंद्रों की आपूर्ति बंद हो गई। कुछ इलाकों में रात भर और कई जगहों पर दिन भर बिजली नहीं आई, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी।


सीबीगंज और हरुनगला में उपभोक्ताओं ने किया बिजलीघरों का घेराव

बृहस्पतिवार रात 9 बजे तक जब बिजली बहाल नहीं हुई, तो गुस्साए उपभोक्ताओं ने सीबीगंज और हरुनगला उपकेंद्र का घेराव कर प्रदर्शन किया। सीबीगंज में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कर्मचारी उपकेंद्र छोड़कर भाग गए।

पुलिस को मौके पर पहुंचकर हालात संभालने पड़े। एहतियातन पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।


कर्मचारियों की कमी से बढ़ी समस्या

सूत्रों के अनुसार, संविदा कर्मचारी कार्य बहिष्कार पर हैं और नियमित कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचे, जिस कारण मरम्मत और आपूर्ति बहाल करने में देरी हुई।

दुर्गानगर उपकेंद्र में रातभर सिर्फ दो कर्मचारी मौजूद थे। शहीद भगत सिंह फीडर, आला हजरत फीडर और सिटी फीडर जैसे कई फीडर ट्रांसफार्मर खराबी या इंसुलेटर की कमी के कारण रातभर बंद रहे।


बिजली विभाग की सुस्त व्यवस्था पर उठे सवाल

इस घटना ने बिजली विभाग की तैयारियों और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मौसम विभाग द्वारा पहले ही तेज आंधी और बारिश की चेतावनी दी गई थी, इसके बावजूद बिजली विभाग ने कोई विशेष इंतजाम नहीं किए।

बरेली जैसे बड़े शहर में 20 घंटे तक बिजली गुल रहना दर्शाता है कि आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं है।


निष्कर्ष:

बरेली की इस घटना से साफ है कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत और जवाबदेह बनाए जाने की सख्त जरूरत है। उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशानी से बचाने के लिए विभागीय जिम्मेदारों को तुरंत कदम उठाने होंगे।

बिजली कटौती केवल असुविधा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बन चुका है, खासकर गर्मी के मौसम में।



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