
बरेली, उत्तर प्रदेश में अस्पतालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन कई छोटे अस्पताल स्वास्थ्य मानकों और सफाई व्यवस्था को नजरअंदाज कर रहे हैं। जानें इससे होने वाले खतरे और समाधान।
बरेली: उत्तर प्रदेश का उभरता अस्पताल हब
बरेली उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर बनता जा रहा है जहाँ हर रोज़ नए-नए अस्पताल खुल रहे हैं। यहाँ छोटे नर्सिंग होम से लेकर बड़े मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल तक बड़ी संख्या में स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। कुछ बड़े अस्पताल NABH (National Accreditation Board for Hospitals) जैसे उच्च गुणवत्ता मानकों का पालन करते हैं, जो मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं।
छोटे अस्पतालों में मानकों की अनदेखी
लेकिन दूसरी तरफ, कई छोटे अस्पताल ऐसे भी हैं जो न तो NABH जैसे किसी मापदंड को अपनाते हैं और न ही साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण जैसी बुनियादी बातों का ध्यान रखते हैं। यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब अस्पताल के आसपास गंदगी और कचरे का अंबार लगा हो।
100 फीट रोड पर स्थित अस्पताल और गंदगी की समस्या
बरेली के 100 फीट रोड जैसे क्षेत्रों में कुछ ऐसे अस्पताल भी चल रहे हैं जिनके बगल में जानवरों का गोबर फेंका जा रहा है। यह स्थिति न केवल दुर्गंध फैलाती है, बल्कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए भी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम खड़ा कर सकती है। गोबर में पाए जाने वाले रोगजनक बैक्टीरिया और वायरस, संक्रमण फैलाने का माध्यम बन सकते हैं।
गंदगी से क्या नुकसान हो सकता है?
- संक्रमण का खतरा बढ़ता है
रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कमजोर होती है, और गंदगी से फैलने वाले कीटाणु उन्हें और अधिक बीमार बना सकते हैं। - वातावरण प्रदूषण
गोबर से उठने वाली दुर्गंध न केवल मरीजों बल्कि अस्पताल स्टाफ के लिए भी असहजता का कारण बनती है। - स्वास्थ्य मानकों का उल्लंघन
ऐसे अस्पताल सार्वजनिक स्वास्थ्य नियमों का पालन नहीं कर रहे होते हैं, जिससे मरीजों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है।
समस्या का समाधान क्या है?
- स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को शिकायत दर्ज करें
अगर आपके आसपास कोई ऐसा अस्पताल है जो साफ-सफाई और मानकों का पालन नहीं कर रहा, तो आप सीएमओ (Chief Medical Officer) या जनस्वास्थ्य विभाग को शिकायत कर सकते हैं। - स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाएं
लोगों को जानकारी होनी चाहिए कि एक अच्छा अस्पताल कौन-कौन से मानकों का पालन करता है। - NABH जैसे प्रमाणपत्रों की पहचान करें
अस्पताल में इलाज कराने से पहले यह देखें कि वह NABH या किसी अन्य प्रामाणिक संस्था से मान्यता प्राप्त है या नहीं।
निष्कर्ष: इलाज के साथ स्वच्छता भी जरूरी है
बरेली में अस्पतालों की संख्या बढ़ना एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन अगर साफ-सफाई और स्वास्थ्य मानकों की अनदेखी की जाएगी तो यह तरक्की नहीं, एक खतरा बन जाएगी। आम जनता, स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रबंधन सभी की जिम्मेदारी है कि मरीजों को सुरक्षित और साफ वातावरण में इलाज मिले।