बरेली गैस सिलेंडर ब्लास्ट: 100 से ज्यादा धमाके, दहशत में गांव, छत गिरने के डर से घरों से भागे लोग

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सोमवार को एक बड़ा हादसा हुआ। गैस सिलेंडरों से भरे ट्रक में आग लगने के बाद 100 से ज्यादा धमाके हुए, जिससे आसपास के गांवों में दहशत का माहौल बन गया। सिलेंडरों के धमाकों से मलबा आधा किलोमीटर तक बिखर गया। ग्रामीण छत गिरने के डर से घरों से बाहर आ गए और घंटों तक अंदर जाने की हिम्मत नहीं कर सके।

कैसे हुआ हादसा?

  • दोपहर करीब 12:50 बजे महालक्ष्मी गैस गोदाम पर शाहजहांपुर से 360 गैस सिलेंडर लेकर एक ट्रक पहुंचा।
  • ड्राइवर चौकीदार को अनलोडिंग की सूचना देने गया, इसी दौरान ट्रक में आग लग गई
  • चौकीदार रमेश चंद्र शुक्ला और उनकी पत्नी जान बचाकर भागे, और तभी ट्रक में धमाकों की शुरुआत हो गई

गांव में मची अफरा-तफरी

  • आग लगते ही 360 में से 100 से ज्यादा सिलेंडर फट गए
  • धमाके पटाखों की लड़ी की तरह हो रहे थे, और गैस सिलेंडर हवा में उछलकर दूर जाकर गिर रहे थे
  • रजऊ परसपुर गांव, मगनापुर, सुंदरपुर और आसपास के गांवों में लोगों में भय और दहशत का माहौल बन गया
  • एक फटा हुआ सिलेंडर का टुकड़ा प्राथमिक स्कूल में गिरा, जिसके बाद स्कूल को खाली करवा दिया गया।
  • मानसिक मंदित गृह से नौ आश्रितों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया।

फायर ब्रिगेड और पुलिस की मुस्तैदी

  • फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया
  • कई सिलेंडर गर्म थे और कुछ से गैस लीक हो रही थी, जिससे और धमाकों का खतरा बना हुआ था।
  • पुलिस ने मौके पर भीड़ इकट्ठी होने से रोका और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा।

बड़ा हादसा टला, लेकिन दहशत बरकरार

  • रजऊ परसपुर इलाके में करीब 1 किलोमीटर के दायरे में चार गैस गोदाम हैं।
  • अगर आग इन गोदामों तक पहुंच जाती, तो यह हादसा और भी बड़ा हो सकता था।
  • महालक्ष्मी गैस एजेंसी का ऑफिस और चारदीवारी धमाकों की चपेट में आकर ध्वस्त हो गए
  • शाम तक ग्रामीणों में भय बना रहा, कई लोग देर तक अपने घरों में लौटने की हिम्मत नहीं कर सके।

निष्कर्ष:

बरेली का यह गैस सिलेंडर ब्लास्ट कई परिवारों के लिए एक डरावना अनुभव साबित हुआ। इस हादसे ने गैस एजेंसियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन को भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे

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