
बरेली। बरेली कॉलेज इन दिनों गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेज पर 2014-15 में दिए गए 19 लाख रुपये के अनुदान का हिसाब न देने का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी किया है। साथ ही, नगर निगम ने 25 करोड़ रुपये से अधिक के कर बकाए के चलते कॉलेज के सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं, जिससे संस्थान की आर्थिक हालत और बिगड़ गई है।
यूजीसी ने क्यों जारी किया नोटिस?
यूजीसी ने 2022, 2023 और 18 अप्रैल 2024 को लगातार नोटिस भेजकर कॉलेज से 19 लाख रुपये के अनुदान का विस्तृत ब्योरा मांगा था। कॉलेज प्रशासन द्वारा इसकी अनदेखी करने के बाद यूजीसी ने ब्याज सहित राशि वापस लौटाने का आदेश दिया है।
कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओपी राय ने बताया कि अनुदान राशि शोध कार्य, शैक्षिक गतिविधियों और संसाधनों पर खर्च की गई थी। उन्होंने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट की रिपोर्ट यूजीसी को भेज दी गई है और खाते खुलते ही धन वापस कर दिया जाएगा।
नगर निगम ने क्यों फ्रीज किए बैंक खाते?
बरेली नगर निगम ने कॉलेज पर 25 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कर बकाया होने का दावा करते हुए सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। इससे कॉलेज का वित्तीय संचालन पूरी तरह ठप हो गया है।
कॉलेज पर क्या पड़ रहा है असर?
- शोधार्थियों को स्टाइपेंड नहीं मिल पा रहा, जिससे उनके कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
- कॉलेज का स्विमिंग पूल बजट की कमी के कारण बंद पड़ा है और अब खंडहर में तब्दील हो रहा है।
- यूजीसी से नए अनुदान न मिलने से शोध परियोजनाएं और सेमिनार रुके हुए हैं।
- रोजमर्रा के कामकाज और विकास कार्यों में बाधा आ रही है।
क्या है समाधान?
कॉलेज प्रशासन ने यूजीसी को हिसाब देकर और नगर निगम से बातचीत कर इस संकट को हल करने का प्रयास किया है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
निष्कर्ष
बरेली कॉलेज का वित्तीय संकट छात्रों, शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। यदि जल्द ही इसका समाधान नहीं निकाला गया, तो संस्थान की शैक्षणिक गतिविधियों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है।