बदायूं में भीषण आग: सोनीभूड़ गांव में 100 से ज्यादा घर जले, मेंथा फैक्टरी में धमाके से दहशत


बदायूं (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में बुधवार रात को दो बड़ी आग की घटनाओं ने कोहराम मचा दिया। जरीफनगर थानाक्षेत्र के सोनीभूड़ गांव में लगी आग ने 100 से अधिक घरों को जलाकर राख कर दिया, जबकि उझानी इलाके की एक मेंथा ऑयल फैक्टरी में जोरदार धमाकों के साथ आग लग गई, जिससे पूरा इलाका दहशत में आ गया।


सोनीभूड़ गांव में आग का कहर: 100 से अधिक झोपड़ियां राख

बुधवार रात करीब 9 बजे सोनीभूड़ गांव में अचानक आग लग गई। गांव में कई दिनों से जमा घूर और कंडे की ढेर में धीरे-धीरे सुलगती आग ने तेज आंधी के चलते विकराल रूप ले लिया और देखते ही देखते आग ने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया।

मुख्य नुकसान:

  • 100 से अधिक घर जलकर राख हो गए।
  • बॉबी पुत्र राम भरोसे का घर पूरी तरह जल गया। उनकी अगली सुबह शादी थी।
  • अजय पाल की एक भैंस जिंदा जल गई।
  • महेंद्र के घर में रखा 20 लीटर मेंथा तेल भी जल गया।
  • नाथूलाल का पूरा मकान खाक हो गया।
  • बीरपाल को आग से बचाते समय पैर में गंभीर चोट आई।

राहत एवं बचाव:

  • पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची।
  • सभी लोगों व जानवरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
  • देर रात तक आग बुझाने का प्रयास जारी रहा।

उझानी में मेंथा ऑयल फैक्टरी में भीषण आग और धमाके

उझानी तहसील के कूढ़ा नर्सिंगपुर गांव में स्थित एक मेंथा ऑयल फैक्टरी में रात करीब 10:30 बजे अचानक आग लग गई। आग लगने के बाद फैक्टरी में एक के बाद एक धमाके होने लगे, जिससे आस-पास के इलाकों में अफरा-तफरी मच गई।

मुख्य जानकारी:

  • फैक्टरी 50 बीघा भूमि में फैली थी और लगातार काम करती थी।
  • आग सबसे पहले प्रयोगशाला में लगी, फिर पूरे परिसर में फैल गई।
  • पुलिस और दमकल विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची।
  • पास के गांव को एहतियातन खाली कराया गया।
  • DM, SSP और एंबुलेंस टीमें मौके पर पहुंचीं।

अब तक की स्थिति:

  • अभी तक किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
  • लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ मजदूर फैक्टरी के अंदर फंसे हो सकते हैं।

सहसवान के गांव जामनी में भी आग, 30-40 घर जलकर राख

इसी रात सहसवान थानाक्षेत्र के जामनी गांव में भी आग लगने की खबर आई। यहां करीब 30 से 40 मकान जलकर राख हो गए। हालांकि, इस घटना में भी किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है।


निष्कर्ष: सतर्कता और व्यवस्था की ज़रूरत

बदायूं जिले की यह घटनाएं दर्शाती हैं कि गांवों में आग से निपटने की व्यवस्था और जागरूकता की सख्त जरूरत है। प्रशासन को चाहिए कि वह:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में फायर अलर्ट सिस्टम लगाए।
  • घूर व कूड़े के ढेर की नियमित सफाई कराए।
  • फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों की जांच कराए।


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