नवाबगंज ट्रांसफार्मर फेलियर से 450 गांवों की बिजली ठप, दो इंजीनियर सस्पेंड


बरेली के नवाबगंज ट्रांसमिशन उपकेंद्र में दो ट्रांसफार्मर जलने से 450 गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। UPPCL ने अधीक्षण अभियंता और एक्सईएन को निलंबित किया, मुख्य अभियंता से जवाब तलब।


बरेली, उत्तर प्रदेश। नवाबगंज ट्रांसमिशन उपकेंद्र में हुई गंभीर लापरवाही ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को कठोर कार्रवाई के लिए मजबूर कर दिया। उपकेंद्र में लगे दो 40 एमवीए ट्रांसफार्मरों में से एक 9 अप्रैल को खराब हो गया था, लेकिन समय पर मरम्मत नहीं कराई गई। इसका नतीजा यह हुआ कि 23 अप्रैल को दूसरा ट्रांसफार्मर भी ओवरलोड के कारण जल गया।

इस हादसे के बाद नवाबगंज ग्रामीण, कस्बा, हाफिजगंज, क्योलड़िया, चुनुआ और रिठौरा जैसे छह सबस्टेशनों से जुड़े 450 से अधिक गांवों की बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो गई। गर्मी के मौसम में बिजली ठप होने से ग्रामीण क्षेत्रों में हाहाकार मच गया।


विधायक की पहल से हिली प्रशासनिक व्यवस्था

लगातार मिल रही शिकायतों के बाद नवाबगंज विधायक डॉ. एमपी आर्य ने लखनऊ स्थित पावर कॉरपोरेशन मुख्यालय को पत्र भेजकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसके बाद पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने शक्ति भवन, लखनऊ में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई।


UPPCL ने की सख्त कार्रवाई

बैठक के तुरंत बाद UPPCL ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए:

  • बरेली ट्रांसमिशन के अधीक्षण अभियंता पूरनचंद और
  • अधिशासी अभियंता नरेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
  • साथ ही मुख्य अभियंता जेपी विमल से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।

दोहना ट्रांसमिशन से शुरू हुई सीमित आपूर्ति

बिजली संकट के दौरान विभाग के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था तैयार नहीं थी। मामला जब उच्च अधिकारियों तक पहुंचा, तब जाकर दोहना ट्रांसमिशन उपकेंद्र से सीमित आपूर्ति शुरू की गई, जिससे कुछ गांवों को अस्थायी राहत मिल सकी।


अध्यक्ष का सख्त संदेश

पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष डॉ. गोयल ने स्पष्ट निर्देश दिए:

“गर्मी में बिजली आपूर्ति में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ट्रांसफार्मर जलने जैसी घटनाओं की पूरी जवाबदेही तय की जाएगी और दोषियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”


निष्कर्ष

नवाबगंज ट्रांसमिशन उपकेंद्र की यह विफलता केवल तकनीकी नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक चूक का परिणाम है। समय रहते चेतावनी को नजरअंदाज करना लाखों लोगों के लिए मुसीबत बन गया। अब देखना यह है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए UPPCL क्या ठोस कदम उठाता है।



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