चौंकाने वाला खुलासा: आइसक्रीम में डिटर्जेंट पाउडर, कैंसर का खतरा – 5 आसान तरीके से जांचें क्वालिटी

कर्नाटक के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने हाल ही में एक हैरान करने वाली सच्चाई उजागर की है। 220 आइसक्रीम, आइस कैंडी और कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली इकाइयों की जांच में 97 जगहों पर डिटर्जेंट पाउडर और फास्फोरिक एसिड जैसे जहरीले पदार्थों का इस्तेमाल पाया गया। ये खतरनाक चीजें टेक्सचर और झाग बढ़ाने के लिए डाली जा रही थीं, लेकिन इनसे कैंसर, हड्डियों की कमजोरी और अंगों को नुकसान जैसे गंभीर खतरे हैं। विभाग ने 38,000 रुपये का जुर्माना लगाया और नोटिस जारी किए हैं। लेकिन आप कैसे सुनिश्चित करें कि आपकी आइसक्रीम सुरक्षित है? विशेषज्ञों ने 5 आसान तरीके बताए हैं, जिनसे आप 5 सेकंड में आइसक्रीम की गुणवत्ता जांच सकते हैं।


जहरीली सच्चाई: आइसक्रीम में डिटर्जेंट, कोल्ड ड्रिंक में फास्फोरिक एसिड

कल्पना करें कि आप क्रीमी आइसक्रीम का मजा ले रहे हैं, और उसमें डिटर्जेंट पाउडर मिला हो। FDA की जांच में पता चला कि कर्नाटक के कुछ निर्माता आइसक्रीम को स्मूद बनाने के लिए कपड़े धोने वाला डिटर्जेंट इस्तेमाल कर रहे थे। वहीं, कोल्ड ड्रिंक में ज्यादा झाग के लिए फास्फोरिक एसिड डाला जा रहा था, जो उर्वरक और कोला ड्रिंक्स में यूज होता है।

ये सस्ते तरीके आपकी सेहत के लिए भारी पड़ सकते हैं:

  • डिटर्जेंट का खतरा: इसमें मौजूद जहरीले केमिकल्स गले और फेफड़ों में जलन, लिवर-किडनी को नुकसान और कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं। लंबे समय तक सेवन से खून में टॉक्सिन्स जमा हो सकते हैं।
  • फास्फोरिक एसिड का नुकसान: यह तेजाब हड्डियों से कैल्शियम छीनता है, दांतों को सड़ा देता है और किडनी को खराब कर सकता है। कुछ अध्ययन इसे पाचन तंत्र के कैंसर से भी जोड़ते हैं।

जांच में यह भी सामने आया कि गंदे पानी, खराब स्टोरेज और यूरिया व स्टार्च से बने नकली दूध का इस्तेमाल हो रहा था। चीनी की जगह सैकरिन और बैन किए गए रंग मिलाए जा रहे थे। बच्चों के लिए बनी इन चीजों में मिलावट ने लोगों को गुस्से में ला दिया है।


5 सेकंड में जांचें: आइसक्रीम में मिलावट के 5 आसान टेस्ट

आपको आइसक्रीम की शुद्धता जांचने के लिए लैब की जरूरत नहीं। ये 5 आसान तरीके घर पर ही आजमाएं:

  1. स्वाद टेस्ट
    शुद्ध आइसक्रीम का स्वाद मीठा और क्रीमी होता है। अगर स्वाद कड़वा, साबुन जैसा या अजीब लगे, तो डिटर्जेंट हो सकता है। तुरंत फेंक दें!
  2. पानी टेस्ट
    थोड़ी पिघली आइसक्रीम को पानी के गिलास में डालकर मिलाएं। अगर झाग, बुलबुले या साबुन जैसा सफेद रंग दिखे, तो यह डिटर्जेंट का संकेत है।
  3. रगड़ने का टेस्ट
    पिघली आइसक्रीम को उंगलियों से रगड़ें। अगर चिकनाई, फिसलन या झाग बने, तो मिलावट की आशंका है।
  4. सूंघने का टेस्ट
    आइसक्रीम से मीठी या क्रीमी खुशबू आनी चाहिए। तेज रासायनिक या साबुन जैसी गंध आए, तो सावधान हो जाएं।
  5. पिघलने की जांच
    आइसक्रीम पिघलने पर चिपचिपी परत या ज्यादा झाग बनाए, तो डिटर्जेंट होने का खतरा है। शुद्ध आइसक्रीम साफ पिघलती है।

ये टेस्ट सिर्फ 5 सेकंड में आपको जहरीली आइसक्रीम से बचा सकते हैं।


क्यों है चिंता की बात: सेहत को होने वाले नुकसान

डिटर्जेंट पाउडर और फास्फोरिक एसिड का इस्तेमाल सिर्फ गुणवत्ता की समस्या नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संकट है। डिटर्जेंट से अंदरूनी सूजन, अल्सर और अंगों को नुकसान हो सकता है। वहीं, फास्फोरिक एसिड दांतों की परत को कमजोर करता है, हड्डियों को खोखला बनाता है और लंबे समय में कैंसर या दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।

FDA ने 220 में से लगभग आधे यूनिट्स को नोटिस जारी किया, जो इस समस्या की गंभीरता दिखाता है। गंदा पानी और खराब स्टोरेज की शिकायतें भी मिलीं, जिससे खतरा और बढ़ गया है।


सुरक्षित रहने के टिप्स

  • भरोसेमंद ब्रांड चुनें: सस्ते लोकल प्रोडक्ट्स की जगह FSSAI प्रमाणित ब्रांड्स से खरीदें।
  • पैकेजिंग जांचें: लेबल पर सामग्री और प्रमाणन देखें।
  • शिकायत करें: अजीब स्वाद या गंध वाली चीज मिले, तो फूड अथॉरिटी को बताएं।
  • जागरूकता फैलाएं: इन 5 टेस्ट्स को दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें।

बड़ा सवाल: जिम्मेदारी किसकी?

यह कुछ दुकानों की गलती नहीं, बल्कि खाद्य उद्योग के लिए चेतावनी है। डिटर्जेंट, यूरिया और बैन किए गए रंगों का इस्तेमाल ग्राहकों की सेहत से खिलवाड़ है। 38,000 रुपये का जुर्माना शुरुआत है, लेकिन सख्त सजा और नियमित जांच जरूरी है।

गर्मियां आने वाली हैं, और आइसक्रीम की डिमांड बढ़ेगी। ऐसे में 5 सेकंड की सावधानी आपकी सेहत बचा सकती है। सुरक्षित खाएं, जागरूक रहें!


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