कैलाश मानसरोवर यात्रा को नया आयाम: मानसखंड मंदिरमाला से जुड़ा यात्रियों का आध्यात्मिक अनुभव

पिथौरागढ़ (राजकुमार केसरवानी): केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार की संयुक्त पहल से कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान अब श्रद्धालु मानसखंड मंदिरमाला के दिव्य मंदिरों के दर्शन भी कर पा रहे हैं। यात्रियों के पहले दल ने इस सर्किट में शामिल प्राचीन मंदिरों की भव्यता एवं आध्यात्मिक महत्व को अनुभव किया, जिससे इस परियोजना को नई गति मिली है।

मंदिरमाला के प्रमुख देवस्थल

यात्रियों ने पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर, हाट कालिका मंदिर (गंगोलीहाट), जागेश्वर धाम और चितई गोलू देवता मंदिर जैसे पौराणिक स्थलों के दर्शन किए। इन मंदिरों की वास्तुकला, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत ने यात्रियों को गहन आध्यात्मिक अनुभूति प्रदान की।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

उत्तराखंड सरकार द्वारा मानसखंड मंदिरमाला को कुमाऊं क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों को जोड़कर विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य:

  • तीर्थयात्रियों के लिए सुव्यवस्थित धार्मिक सर्किट तैयार करना।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था एवं रोजगार को बढ़ावा देना।
  • उत्तराखंड की सांस्कृतिक-धार्मिक पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना।

सुविधाओं का विस्तार

इस परियोजना के तहत:

  • मंदिरों तक बेहतर सड़क संपर्क।
  • श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएँ (डिजिटल गाइडेंस, सूचना पटल)।
  • सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार।

यात्रियों ने की प्रशंसा

श्रद्धालुओं ने पिथौरागढ़ प्रशासन और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए इसे एक “अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव” बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना हिमालय की दिव्य संस्कृति से जुड़ने का एक अद्भुत अवसर प्रदान करती है।

निष्कर्ष

मानसखंड मंदिरमाला परियोजना न केवल धार्मिक पर्यटन को नई ऊर्जा देगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों, व्यापारियों और युवाओं के लिए आजीविका के नए रास्ते भी खोलेगी। यह उत्तराखंड को भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों के मानचित्र पर और मजबूती से स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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