
KGMU में अवैध मदरसा ध्वस्त | एक बीघा जमीन खाली | प्रशासनिक दफ्तरों का निर्माण शुरू
KGMU लखनऊ में अवैध मदरसा हटाया गया। दो दिन के ध्वस्तीकरण अभियान में एक बीघा जमीन खाली कराई गई। केजीएमयू प्रशासन ने प्रशासनिक दफ्तर बनाने की योजना बनाई। जानें पूरी खबर।
लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) प्रशासन ने नेत्र रोग विभाग के पीछे अवैध रूप से बनाए गए मदरसे को ध्वस्त कर दिया है। दो दिन तक चले इस ध्वस्तीकरण अभियान में लगभग एक बीघा जमीन को खाली कराया गया। केजीएमयू प्रशासन अब इस जमीन पर कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक दफ्तर बनाने की तैयारी कर रहा है।
कैसे हुआ अवैध कब्जा उजागर?
केजीएमयू के प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने बताया कि नेत्र रोग विभाग के पीछे टिनशेड डालकर जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। कब्जेदारों ने दावा किया था कि यहां एक मदरसा संचालित हो रहा है, लेकिन जब उनसे मदरसे का रजिस्ट्रेशन नंबर और जमीन के दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई वैध प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके।
पुलिस बल की उपस्थिति में केजीएमयू प्रशासन ने अवैध टिनशेड और चहारदीवारी को ध्वस्त कर कब्जा हटाया। खास बात यह रही कि इस कार्रवाई के दौरान मजार और उसके आसपास बने किसी भी अस्थायी ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया गया।
पूरे केजीएमयू परिसर का होगा सर्वेक्षण
नेत्र रोग विभाग के पीछे अवैध कब्जा हटाने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने पूरे परिसर का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने जानकारी दी कि पुरानी डेंटल बिल्डिंग, क्वीन मेरी अस्पताल, गेट नंबर एक, गेट नंबर दो, और इमामबाड़ा गेट के पास भी बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे हैं।
इन इलाकों में अवैध रूप से बनी दुकानों और गैराजों की पहचान कर, सिलसिलेवार तरीके से सभी कब्जे हटाए जाएंगे।
खाली कराई गई जमीन पर बनेंगे प्रशासनिक दफ्तर
केजीएमयू प्रशासन ने खाली कराई गई एक बीघा जमीन पर सीएमएस (Chief Medical Superintendent) और एचआरएफ (Human Resource Facility) जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यालय बनाने की योजना तैयार की है। इसके लिए एक विस्तृत प्रस्ताव भी बनाया जा रहा है।
प्रशासन का मानना है कि इस कदम से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कार्यों में गति आएगी और जगह की कमी की समस्या का समाधान होगा।
निष्कर्ष
केजीएमयू द्वारा अवैध कब्जों के खिलाफ उठाया गया यह कदम कैंपस में स्वच्छता और अनुशासन कायम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। आने वाले समय में पूरे परिसर में अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।