उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में 3000 सिखों का कथित धर्मांतरण, नेपाल सीमा पर सक्रिय नेटवर्क पर शक



पीलीभीत में 3000 सिखों के कथित धर्मांतरण का मामला सामने आया है। प्रशासन ने जांच शुरू की है और नेपाल सीमा से जुड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की भूमिका की आशंका जताई जा रही है।


पीलीभीत (उत्तर प्रदेश), 18 मई 2025:
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां कथित तौर पर करीब 3000 सिखों ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया है। यह धर्मांतरण कथित रूप से लालच और धोखे के ज़रिए किया गया है, जिसकी जांच अब प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मामला सीमावर्ती गांवों में सामने आया है, जो नेपाल की सीमा से सटे हुए हैं। आरोप है कि कुछ विदेशी एनजीओ और मिशनरी संगठन, जो नेपाल में सक्रिय हैं, इन इलाकों में मानव सेवा के नाम पर धर्मांतरण की गतिविधियों में लिप्त हैं।


धार्मिक पहचान को निशाना बनाने का आरोप

ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल ने दावा किया है कि पिछले कुछ महीनों में करीब 3000 सिखों ने अपना धर्म बदला है। संगठन के अनुसार, इन लोगों को मुफ्त राशन, शिक्षा, इलाज और बेहतर जीवन का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया गया।

संगठन ने इसे सिख समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान पर हमला बताया है और केंद्र व राज्य सरकार से उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।


प्रशासनिक कार्रवाई शुरू, SIT गठित

पीलीभीत के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और विशेष जांच टीम (SIT) का गठन कर दिया गया है। अब तक कई संदिग्धों से पूछताछ की जा चुकी है और उनकी आर्थिक गतिविधियों और विदेशी संपर्कों की जांच जारी है।

प्रशासन ने उन गांवों में काउंसलिंग कैंप भी लगाए हैं, जहां धर्मांतरण की घटनाएं सामने आई हैं, ताकि लोगों को सही जानकारी दी जा सके।


नेपाल सीमा से जुड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क पर संदेह

पीलीभीत की भौगोलिक स्थिति इसे नेपाल से जोड़ती है और सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह पूरी साजिश सीमा पार से संचालित हो रही है। नेपाल में पहले से ही मिशनरियों की मजबूत उपस्थिति है और उनका प्रभाव अब उत्तर भारत के सीमावर्ती इलाकों तक फैल रहा है।


योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, सीमावर्ती जिलों में सतर्कता और खुफिया निगरानी बढ़ा दी गई है।


निष्कर्ष:

पीलीभीत में सामने आया यह मामला केवल एक जिले तक सीमित नहीं दिखता, बल्कि यह देश की धार्मिक और सामाजिक एकता को तोड़ने की साजिश का संकेत दे सकता है। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक अनेक सवाल अनुत्तरित हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि सरकार और समाज दोनों को इस पर गंभीरता से कार्य करना होगा।




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