
📰 अंकिता भंडारी हत्याकांड: पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को उम्रकैद, कोर्ट का बड़ा फैसला
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अदालत ने शुक्रवार, 31 मई 2025 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषियों पर ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया और पीड़िता के माता-पिता को ₹4 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश दिया।
✅ मुख्य बातें (Key Highlights):
- 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या 18 सितंबर 2022 को हुई थी।
- हत्या के बाद शव ऋषिकेश स्थित चीला नहर में फेंका गया था।
- मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, भाजपा के पूर्व मंत्री विनोद आर्य का बेटा है।
- कोर्ट ने IPC की धारा 302, 201, 120B, 354A और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत दोष सिद्ध किया।
👩💼 कौन थीं अंकिता भंडारी?
अंकिता भंडारी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल की निवासी थीं और ऋषिकेश के पास वनंतरा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं। 18 सितंबर 2022 की रात को उनका अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। छह दिन बाद 24 सितंबर को उनका शव चीला पावर हाउस की नहर से बरामद हुआ था।
🔍 हत्या कैसे हुई?
जांच में सामने आया कि अंकिता पर रिज़ॉर्ट में आने वाले वीआईपी ग्राहकों को “स्पेशल सर्विस” देने का दबाव डाला जा रहा था, जिसे उसने सख्ती से मना कर दिया। इस विवाद के बाद रिज़ॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अपने कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को नहर में फेंक दिया।
⚖️ कोर्ट का फैसला
कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीनू नेगी ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुनाया। एसआईटी द्वारा की गई जांच में 97 गवाह बनाए गए, जिनमें से 47 को अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और आर्थिक दंड भी लगाया।
📃 दोषियों पर लगे धाराएं:
- IPC 302 (हत्या)
- IPC 201 (सबूत मिटाना)
- IPC 120B (षड्यंत्र)
- IPC 354A (यौन उत्पीड़न)
- अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम
👨👦 पुलकित आर्य कौन है?
पुलकित आर्य उत्तराखंड के पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य का बेटा है, जो माटी कला बोर्ड के चेयरमैन और भाजपा ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में थे। जैसे ही केस सामने आया, भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया।
🙋♀️ जनता की प्रतिक्रिया
- #JusticeForAnkita सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता रहा
- उत्तराखंड में जगह-जगह प्रदर्शन हुए
- लोगों ने तेज़ और निष्पक्ष न्याय की मांग की
📌 निष्कर्ष
अंकिता भंडारी हत्याकांड केवल एक आपराधिक मामला नहीं था, यह उत्तराखंड की राजनीति, पुलिस प्रशासन और समाज की नैतिकता पर सवाल खड़ा करता है। अदालत के इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि कोई भी कितना भी रसूखदार क्यों न हो, कानून के सामने सभी बराबर हैं।