बरेली में जेठ द्वारा बलात्कार का सनसनीखेज मामला – विवाहिता ने SSP को सौंपा प्रार्थना पत्र

📰 बरेली में जेठ द्वारा बलात्कार का सनसनीखेज मामला – विवाहिता ने SSP को सौंपा प्रार्थना पत्र


बरेली में एक महिला ने अपने जेठ पर बलात्कार और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाया है। पीड़िता ने SSP बरेली को पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। पढ़ें पूरा मामला।


घटना का पूरा विवरण

बरेली ज़िले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक विवाहिता ने अपने जेठ द्वारा बलात्कार किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP), बरेली को शिकायती प्रार्थना पत्र सौंपा है, जिसमें उसने न सिर्फ जेठ, बल्कि अपने पति और ससुराल पक्ष पर भी संगीन आरोप लगाए हैं।

📅 विवाह और उत्पीड़न की शुरुआत

पीड़िता का विवाह 6 नवंबर 2024 को ग्राम बण्डिया, थाना सीबीगंज, बरेली निवासी प्रदीप नामक युवक से हुआ था। विवाह के बाद जब वह ससुराल पहुंची, तभी से उसका जेठ संतोष उसे गलत नजरों से देखने लगा और उस पर बुरी नियत रखने लगा।

🌙 11 मई की रात हुई घिनौनी वारदात

प्रार्थना पत्र में पीड़िता ने बताया कि 11 मई 2025 की रात लगभग 12 बजे, जब उसके पति ड्यूटी पर गए हुए थे, तभी जेठ संतोष चाकू लेकर उसके कमरे में घुस आया। उसने चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी और उसके साथ जबरन बलात्कार किया।

😰 धमकी और मानसिक प्रताड़ना

घटना के बाद जेठ ने पीड़िता को धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो वह उसे जान से मार देगा। जब महिला ने हिम्मत दिखाकर ससुराल में शिकायत की तो उल्टा उसे ही दोषी ठहराया गया और पति सहित एक किराये के कमरे में रहने के लिए मजबूर किया गया।

💔 पति और ससुराल ने भी छोड़ा साथ

कुछ समय बाद पीड़िता का पति भी उसे अकेला छोड़कर चला गया। अब न तो पति उसे स्वीकार कर रहा है और न ही ससुराल पक्ष उसे बहू के रूप में अपनाना चाहता है। पीड़िता का कहना है कि उसे न्याय की सख्त जरूरत है।


🧾 पीड़िता की मांग: दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो

पीड़िता ने SSP बरेली से मांग की है कि जेठ संतोष के खिलाफ बलात्कार, धमकी, षड्यंत्र और घरेलू हिंसा जैसे मामलों में FIR दर्ज की जाए और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।



📢 निष्कर्ष

इस प्रकार के मामलों में पीड़िताओं की सुरक्षा और उन्हें न्याय दिलाना पुलिस एवं समाज की जिम्मेदारी बनती है। बरेली की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कठोरतम कानूनों का कड़ाई से पालन कितना आवश्यक है।


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