उत्तराखंड में सांस्कृतिक पुनर्जागरण: गीता, UCC और लैंड जिहाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई

देहरादून, राजकुमार केसरवानी

उत्तराखंड की धरती देवताओं की भूमि कहलाती है, और अब यह राज्य सांस्कृतिक पुनर्जागरण, राष्ट्रवादी नीतियों और कानून व्यवस्था के मामले में देश के लिए एक मिसाल बन रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने हाल ही में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिनमें श्रीमद्भगवद्गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना, समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करना और लैंड जिहाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शामिल है।

इस ब्लॉग में, हम उत्तराखंड सरकार की इन महत्वपूर्ण पहलों और RSS की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करेंगे।


1. सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता अनिवार्य – एक सांस्कृतिक क्रांति

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया है। यह निर्णय न केवल छात्रों को नैतिक शिक्षा और भारतीय दर्शन से जोड़ेगा, बल्कि युवा पीढ़ी को संस्कृति और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित भी करेगा।

गीता को क्यों चुना गया?

  • नैतिक मूल्यों का संरक्षण – गीता जीवन प्रबंधन, कर्तव्य और धर्म का सार प्रस्तुत करती है।
  • भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा – यह विद्यार्थियों को भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली से जोड़ती है।
  • आत्मनिर्भर और अनुशासित युवा पीढ़ी का निर्माण – गीता का ज्ञान व्यक्तित्व विकास में सहायक है।

2. समान नागरिक संहिता (UCC) – उत्तराखंड देश का पहला राज्य

उत्तराखंड ने देश में पहली बार समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लागू करके इतिहास रच दिया है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून बनाना है, चाहे उनका धर्म, जाति या लिंग कुछ भी हो।

UCC के प्रमुख प्रावधान:

विवाह, तलाक और उत्तराधिकार में समानता – सभी धर्मों के लिए एक जैसे नियम।
बाल विवाह और बहुविवाह पर रोक – महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा।
संपत्ति के अधिकार में समानता – पुरुषों और महिलाओं को बराबर हक।

इस कदम से कानूनी पेचीदगियां कम होंगी और सामाजिक न्याय मजबूत होगा


3. लैंड जिहाद, अवैध मदरसों और धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड सरकार ने अवैध कब्जों, जिहादी गतिविधियों और धर्मांतरण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

प्रमुख कार्रवाइयाँ:

7,000 एकड़ से अधिक सरकारी ज़मीन मुक्त – लैंड जिहाद के तहत अवैध कब्जे हटाए गए।
200 से अधिक अवैध मदरसों को सील – कानूनी प्रक्रिया का पालन न करने वाले संस्थान बंद।
500+ अवैध निर्माण ध्वस्त – सरकारी भूमि पर बनी अवैध बस्तियाँ हटाई गईं।

ऑपरेशन कालनेमि – धार्मिक भ्रम फैलाने वालों पर शिकंजा

सरकार ने “ऑपरेशन कालनेमि” चलाकर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, जो धार्मिक भावनाओं को भड़काकर समाज में तनाव फैलाते हैं। इसके तहत झूठे बाबाओं, धर्मांतरण कराने वालों और अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है।


4. RSS की पुस्तक “फिलॉसोफी एंड एक्शन ऑफ RSS फॉर हिन्द स्वराज” का विमोचन

मुख्यमंत्री धामी ने RSS पर लिखी गई पुस्तक का विमोचन किया, जिसमें संगठन के राष्ट्र निर्माण, सांस्कृतिक पुनरुत्थान और समाज सेवा के योगदान को दर्शाया गया है।

पुस्तक के मुख्य बिंदु:

📌 RSS का इतिहास और संगठनात्मक ढांचा – डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापना।
📌 हिंदू समाज को संगठित करने में भूमिका – सामाजिक एकता और राष्ट्रभक्ति का संदेश।
📌 फादर एंथोनी की निष्पक्ष दृष्टि – एक ईसाई पादरी द्वारा RSS के कार्यों की प्रशंसा।


5. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का सांस्कृतिक पुनरुत्थान

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत, राष्ट्रीय गौरव और विकास के नए आयाम छू रहा है।

प्रमुख उपलब्धियाँ:

🔹 अनुच्छेद 370 हटाना – जम्मू-कश्मीर का भारत में पूर्ण विलय।
🔹 ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध – मुस्लिम महिलाओं को न्याय।
🔹 CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) – उत्पीड़ित हिंदू, सिख, ईसाई शरणार्थियों को नागरिकता।
🔹 योग और आयुर्वेद को वैश्विक पहचान – भारतीय ज्ञान परंपरा का प्रसार।


निष्कर्ष: उत्तराखंड – संस्कृति और राष्ट्रवाद का नया केंद्र

उत्तराखंड सरकार की ये पहलें साबित करती हैं कि राष्ट्रीय हित, सांस्कृतिक संरक्षण और कानून का शासन सर्वोपरि है। श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ, UCC लागू करना और अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है।

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